प्रतापगढ

दुश्मनी कैसी भी रही हो राजनैतिक हो या बर्चस्व की लेकिन इस नव कल्पित,नव युवक का क्या दोष रहा होगा जिसने अभी ठीक से जिंदगी जीना भी शुरू नही किया होगा।जो बालक कोटा रहकर iit की तैयारी कर रहा था चेहरे पर मासूमियत बचपना झलक रहा है ये बालक किसी का क्या बिगाड़ सकता है। दोष सिर्फ इतना था कि ये रोर प्रधान संतोष पांडेय का भतीजा था एक निष्पक्ष ईमानदार पत्रकार का पुत्र था जो सामंती ताकतों से लड़ते चले आ रहे थे
लेकिन नही उन हत्यारो पापियों को तो करना था सो कर गए।।
अगर इस धरा पर ईश्वर और ईश्वरीय शक्तिया है तो अंजाम दिखाई पड़ना चाहिए और उस पूरे हत्यारे कुनबे का सर्वनाश जगजाहिर होना चाहिए।।।
मेरी पूरी संवेदना पीड़ित परिवार के साथ है।।