खुर्जा नगर पालिका में चल रही राम लीला में हुआ सीता स्वयंवर की लीला का मंचन।

 

बुलंदशहर खुर्जा ।

खुर्जा नगर पालिका के प्रांगण में चल रही रामलीला के स्टेज मंचन में बीती रात हुआ सीता स्वयंवर की लीला का मंचन। हजारों की संख्या में बैठे जनता ने भगवान श्री राम एवं सीता के विवाह की लीला को बड़े ही भक्ति भाव के साथ देखा। इस स्टेज लीला में राजा जनक द्वारा अपनी पुत्री सीता के विवाह हेतु भगवान शंकर के धनुष को तोड़ने की प्रतिज्ञा की गई थी। जो भी राजा इस धनुष को तोड़ेगा उसके साथ मेरी पुत्री विवाह करेंगी। लेकिन दूरदराज के सभी राजा वहां मौजूद हुए एवं धनुष तोड़ने की कोशिश की, लेकिन किसी से धनुष नहीं टूटा।तब राजा जनक ने खूब भाव विभोर होकर अपनी पुत्री को गले लगा कर रोते हुए कहा कि शायद तेरी किस्मत में विधाता ने शादी योग्य कोई वर नहीं लिखा है। और वहां बैठे सभी राजाओं को कहा कि तुम लोग कोई भी शक्तिशाली नहीं हो, जो इस धनुष को खंडित कर सके। आप सभी लोग यहां से चले जाए।तभी वहां पर विराजमान अयोध्या नरेश राजा दशरथ के पुत्र राम ने धनुष के पास आकर प्रणाम किया उसके बाद धनुष को उठाकर खंडित कर दिया। इसके बाद चारों दिशाओं से पुष्प वर्षा होने लगी और माता सीता ने आकर भगवान श्री राम के गले में वरमाला डाली। सीता स्वयंवर की लीला को जनता ने खूब ताली बजाकर आनंद लिया, और जय श्री राम के जयकारों से नगर पालिका गुज उठी।

 

रिपोर्ट किशन जैन