बुलंदशहर/खुर्जा:
महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS), खुर्जा नगर की चाणक्य बस्ती में श्रद्धांजलि एवं स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में संघ के पदाधिकारियों और स्वयंसेवकों ने महर्षि वाल्मीकि जी के आदर्शों और शिक्षाओं को समाज के समक्ष प्रस्तुत किया।
भारत की सांस्कृतिक परंपरा में Maharishi Valmiki का स्थान अत्यंत आदरणीय है। वे न केवल Adikavi (first poet) थे, बल्कि Ramayana creator और धर्म, सत्य तथा मर्यादा के प्रतीक भी हैं। कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि का जीवन इस बात का उदाहरण है कि आत्मपरिवर्तन और साधना से कोई भी व्यक्ति महान बन सकता है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, खुर्जा नगर की चाणक्य बस्ती द्वारा आयोजित इस आयोजन में जिला बौद्धिक प्रमुख राजू जी, नगर सेवा प्रमुख हैप्पी जी, नगर शारीरिक शिक्षण प्रमुख सूरज जी, नगर विद्यार्थी प्रमुख अजय जी, नगर सह प्रचार प्रमुख पवन जी, तथा स्वयंसेवक बंधु गोपाल जी, बादल जी, अनुराग जी, मनीष जी, चेतन जी और रवि जी उपस्थित रहे।
संघ के स्वयंसेवकों ने बताया कि समाज में संस्कार, समर्पण और स्वाभिमान की भावना को पुनर्जीवित करने के लिए महर्षि वाल्मीकि जी के आदर्शों को अपनाना आवश्यक है। इस अवसर पर “🚩संस्कारों की धरा से समर्पण का संदेश — चाणक्य बस्ती, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ खुर्जा नगर की ओर से आप सभी का स्नेहपूर्ण स्वागत।”🚩 का नारा गूंजता रहा।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में unity (एकता), service (सेवा) और nation building (राष्ट्र निर्माण) की भावना को मजबूत करना था।
महर्षि वाल्मीकि जयंती जैसे कार्यक्रम समाज में भारतीय संस्कृति, Sanatan values, और RSS ideology को जीवंत बनाए रखने का कार्य करते हैं।