बिहार में बढ़ता अपराध: क्या कानून व्यवस्था हुई फेल?बिहार एक बार फिर से अपराध के गढ़ में बदलता नजर आ रहा है। नीतीश कुमार की सरकार पर कानून व्यवस्था बनाए रखने का दबाव बढ़ता जा रहा है, लेकिन हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं। राजधानी पटना में बीते 24 घंटे में दो दिनदहाड़े हत्याएं हुई हैं, जिससे आम जनता में खौफ फैल गया है।

16 दिन में 60 कत्ल: जुलाई बना ‘खूनी महीना’

1 जुलाई से 16 जुलाई के बीच राज्य में 60 से ज्यादा हत्याएं हो चुकी हैं। मतलब हर दिन औसतन 3-4 लोग मारे जा रहे हैं। ऐसे आंकड़े साफ तौर पर दर्शाते हैं कि अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं और सरकार कितनी बेबस।

पटना में सुरक्षा पर सवाल

जब राजधानी पटना ही सुरक्षित नहीं है तो राज्य के दूरदराज़ इलाकों की हालत का अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं है। लगातार हो रही घटनाओं से पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।

नेताओं का सरकार पर हमलाविपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है। राजद, लोजपा और कांग्रेस ने कहा है कि अगर सरकार लोगों की सुरक्षा नहीं कर सकती तो उसे सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है।

सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार

अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है, लेकिन अभी तक ज़मीनी स्तर पर सुधार नहीं दिख रहा।