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वॉशिंगटन (विश्व समाचार):
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने बड़ा कदम उठाते हुए H-1B वीज़ा फीस (H-1B Visa Fee Hike) को लगभग 1 लाख डॉलर (करीब ₹90 लाख) तक बढ़ाने का आदेश जारी किया है। यह नया नियम 21 सितंबर 2025 से लागू होगा और अगले 12 महीने तक प्रभावी रहेगा।
टेक कंपनियों की एडवाइजरी
ट्रंप के आदेश के बाद Meta, Microsoft और Amazon जैसी बड़ी टेक कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को विदेश यात्रा न करने की सलाह दी है।
- Meta: H-1B वीज़ा होल्डर्स को तुरंत अमेरिका वापस आने को कहा।
- Microsoft: कर्मचारियों को चेतावनी दी कि वे 14 दिन से ज्यादा US से बाहर न रहें।
- Amazon: सभी H-1B कर्मचारियों को इंटरनेशनल ट्रैवल टालने की सलाह दी।
क्यों दी गई यह चेतावनी?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस दौरान बाहर जाने पर Immigration Risk, Visa Delay और Legal Problems हो सकती हैं। इससे कर्मचारियों के Job Security, Green Card Process और Work Permit Status पर असर पड़ सकता है।
भारतीय IT प्रोफेशनल्स पर असर
- H-1B वीज़ा का सबसे बड़ा लाभार्थी भारत है, जहाँ से करीब 70% H-1B वीज़ा होल्डर आते हैं।
- नए नियम से US में नौकरी कर रहे भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स पर सीधा असर पड़ेगा।
- H-1B और H-4 वीज़ा धारकों की पारिवारिक यात्रा योजनाएँ प्रभावित हो सकती हैं।