नई दिल्ली: भारत के लिए गर्व का क्षण है। दीपावली (Diwali) को आधिकारिक तौर पर यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर (UNESCO Intangible Cultural Heritage List) में शामिल कर लिया गया है। इसके साथ ही यह भारत की 16वीं सांस्कृतिक धरोहर बन गई है, जो पहले से सूचीबद्ध योग, दुर्गा पूजा, रामलीला, नवरात्रि जैसे परंपरागत तत्वों के साथ जुड़ती है।

दीपावली को क्यों मिली यह वैश्विक पहचान?

यूनेस्को ने कहा है कि दीपावली सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि

प्रकाश का अंधकार पर विजय का संदेश,

सामुदायिक सद्भाव,

धार्मिक और सांस्कृतिक एकता
का अद्भुत प्रतीक है।

इस मान्यता से दीपावली की विश्व स्तर पर लोकप्रियता, सांस्कृतिक पहचान, और संरक्षण को नया आयाम मिलेगा।

भारत की 16वीं सांस्कृतिक धरोहर

दीपावली के जुड़ने के साथ भारत के कुल 16 तत्व यूनेस्को सूची में दर्ज हो चुके हैं। इससे भारत की संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिक धरोहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूती मिलेगी।

सरकार और भारतीय समुदाय में खुशी की लहर

भारत सरकार ने इस निर्णय का स्वागत किया और कहा कि यह देश की सदियों पुरानी सांस्कृतिक परंपरा का सम्मान है। विदेशों में रहने वाले भारतीय समुदाय ने भी इसे बड़ी उपलब्धि बताया।

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