आजमगढ़ में शिक्षा विभाग से जुड़े एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जहां आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने 219 फर्जी मदरसों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। जांच में सामने आया कि ये मदरसे सिर्फ कागजों पर ही चल रहे थे, लेकिन फिर भी इन्हें वर्षों से सरकारी अनुदान दिया जा रहा था। SIT जांच के दौरान पता चला कि ऑनलाइन फीडिंग में 313 मदरसों के मानक पूरे नहीं थे, जिनमें से 219 मदरसे अस्तित्व में ही नहीं थे। आश्चर्यजनक रूप से वर्ष 2009-10 में बिना किसी भौतिक सत्यापन के इन मदरसों को मान्यता प्रदान कर दी गई थी। EOW की तहरीर के आधार पर पुलिस ने 22 थाना क्षेत्रों में 219 मदरसा संचालकों के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और सरकारी धन के गबन के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। इन संचालकों पर आरोप है कि उन्होंने कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से अनुदान प्राप्त कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया। इस खुलासे के बाद से शिक्षा विभाग और अनुदान प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं। EOW की इस कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है, और अब मामले की गहराई से जांच जारी है।