कोरोना से बचाव के लिए भी है जरूरी

— गैर संचारी रोगों के प्रति युवा पीढ़ी को जागरूक करना जरूरी

– 40 साल की उम्र के बाद होने वाली बीमारियाँ अब 30 में ही रहीं घेर

अलीगढ़, 07 अप्रैल-2021 ।

 

आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी और बदलती जीवन शैली ने सबसे अधिक युवा पीढ़ी को प्रभावित किया है । जीवन में जल्दी से जल्दी बहुत कुछ हासिल कर लेने की चाह ने जहाँ उनके सुकून को छीन लिया है वहीँ उनके पास न तो सही से खाने का वक्त होता है और न ही सोने का । फ़ास्ट फ़ूड और दिखावे के लिए शराब और सिगरेट का सहारा लेने वाले युवाओं में हृदय रोग, डायबिटीज, कैंसर और हाइपरटेंशन जैसे गैर संचारी रोग अब 30 साल की उम्र में ही शरीर पर कब्ज़ा जमाने लगे हैं, जबकि यह बीमारियाँ पहले 40 साल की उम्र के बाद की मानी जाती थीं ।

 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बी.पी सिंह कल्याणी ने बताया विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्थापना दिवस पर सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है, जिसका मूल मकसद लोगों को स्वस्थ जीवन प्रदान करने के लिए जरूरी परामर्श के साथ जागरूक भी करना है । हर साल अलग-अलग थीम पर मनाये जाने वाले दिवस की इस बार की थीम है- बिल्डिंग अ फेयरर, हेल्दियर वर्ल्ड (एक निष्पक्ष, स्वस्थ दुनिया का निर्माण) ।

 

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ राहुल कुलश्रेष्ठ का कहना है कि शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ ही मानसिक रूप से भी स्वस्थ होना बहुत जरूरी है । इसके लिए जरूरी है कि सही पोषण के साथ ही ध्यान, योग और प्राणायाम को भी जीवन में शामिल किया जाए । शारीरिक श्रम से मुंह मोड़ने का ही नतीजा है कि शरीर बीमारियों का घर बन रहा है । गैर संचारी रोगों से बचने के लिए जरूरी है कि हर रोज कम से कम 45 मिनट तक कड़ी मेहनत व शारीरिक श्रम किया जाए । इससे हृदय रोग और डायबिटीज से शरीर को सुरक्षित बना सकते हैं । इसके अलावा तम्बाकू उत्पादों के सेवन और शराब से नाता तोड़ने में ही सही सेहत के सारे राज छिपे हैं । इन बीमारियों के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए ही सरकार ने घर के नजदीक ही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित करने के साथ ही वहां पर इन बीमारियों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था के साथ ही योगा क्लास और काउंसिलिंग की भी व्यवस्था की है । किशोर किशोरियों के लिए साथिया क्लीनिक भी बनाए हैं। जनपद में किशोरों के लिए जिला अस्पताल और किशोरियों के लिए जिला महिला अस्पताल में साथिया क्लीनिक की सुविधा उपलब्ध है।

 

डीएमओ ने बताया कि सरकार हर किसी को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से ही मातृ-शिशु स्वास्थ्य देखभाल, किशोर-किशोरी स्वास्थ्य देखभाल और प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर पूरे प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों को संचालित कर रही है । आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों और गर्भवती के सही पोषण की व्यवस्था कर रही है । हर क्षेत्र में आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति की गयी है जो स्वास्थ्य सम्बन्धी किसी भी मुश्किल में साथ खड़ी नजर आती हैं । हर रविवार को स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुख्यमंत्री आरोग्य मेला का आयोजन हो रहा है ताकि लोग छुट्टी के दिन को सेहत दिवस के रूप में मना सकें ।

 

स्वस्थ जीवन के लिए है जरूरी :

– संतुलित आहार लें, फल व सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं

– – नियमित व्यायाम से शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखें

– तनाव मुक्त रहें, कोई दिक्कत हो तो परिवार से शेयर करें

– – प्रतिदिन छह से सात घंटे की निद्रा या आराम जरूरी

– वजन को संतुलित रखें

– – दिक्कत महसूस हो तो प्रशिक्षित चिकित्सक से ही संपर्क करें

स्वस्थ रहना है तो क्या न करें :

– चीनी व नमक का अधिक इस्तेमाल न करें

– – तम्बाकू और शराब का सेवन न करें

– तले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें

कोरोना से बचाव के लिए भी लाइफस्टाइन सही होना जरूरी :

जेएन मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हारिस खान का कहना है कि कोरोना ने रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) की अहमियत को साबित कर दिया है । इसलिए बच्चों की इम्युनिटी पर खास ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि वही देश के भविष्य हैं । बच्चों के खाने में हरी साग-सब्जियों और मौसमी फलों को अवश्य शामिल करें ताकि वह शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ बन सकें । फास्ड फ़ूड-बर्गर-पिज्जा से सिर्फ स्वाद मिलता है न कि रोगों से लड़ने की क्षमता । इसलिए उनको वेजिटेवल चाइल्ड बनाएं न कि बर्गर चाइल्ड । इसके साथ ही मास्क से मुंह व नाक को ढककर ही बाहर निकलें, इससे कोरोना से ही नहीं बल्कि कई अन्य बीमारियों से भी बचे रहेंगे ।

 

कोरोना काल की अच्छी आदतों को अपनाएँ रखें :

कोविड-19 का संक्रमण पिछले माह से एक बार फिर रफ़्तार पकड़ रहा है, ऐसे में बीते साल कोरोना से बचाव के लिए हमने जिन आदतों को अपनाया था. उन्हें फिर से हमें अपनाना होगा. जब भी घर से बाहर निकलें, मास्क लगाकर निकलें, दूसरे लोगों से हमेशा दो गज की दूरी बनाकर रखें, किसी चीज़ को छूने के बाद अपने हाथों को सेनेटाइज करते रहें और हवादार जगहों पर ही जाएँ। आइए, इस विश्व स्वास्थ्य दिवस पर यह संकल्प लें कि इस महामारी को अपने सम्मिलित प्रयासों से फिर से क़ाबू में लाएँगे । यदि आपके परिवारीजन या रिश्तेदार कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं तो उनसे फोन के माध्यम से जुड़े रहिए। उनसे भेदभाव बिल्कुल मत कीजिए। ऐसा करना उनके मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।