श्री रामलीला कमेटी रजिस्टर्ड खुर्जा द्वारा आयोजित श्री रामलीला महोत्सव में जंक्शन रोड स्थित श्री रामलीला मैदान में पवन पुत्र हनुमान जी का समुद्र लाघना तथा लंका स्थित अशोक वाटिका में माता जानकी के दर्शन व लंका दहन का सुंदर कार्यक्रम आचार्य वेद प्रकाश शर्मा के निर्देशन तथा पंडित अनिल कुमार शर्मा के देखरेख में संपन्न हुआ।

प्रभु श्री राम जी के आदेश पर पवनसुत हनुमान माता जानकी की खोज में निकल पड़ते हैं ।समुद्र की विशालता को देखकर हनुमान जी मौन हो जाते हैं। बचपन में चंचल शंकर सुमन केसरी नंदन द्वारा ऋषि मुनियों को अपने उत्पाद से परेशान करने के कारण ऋषि मुनियों के ञाप से वशीभूत अपनी शक्ति को भूल जाते हैं। ऐसे समय में अपने अग्रज जामवंत के द्वारा शक्ति का एहसास करने पर हनुमान जी 100 योजन चौड़े विशाल समुद्र को विघन बाधा को दूर करते हुए लाघ जाते हैं।और लंका में प्रवेश कर जाते हैं वहां लंका में सूक्ष्म रूप में भृमण करते हुए लंकेश रावण के अनुज राम भक्त विभीषण से मुलाकात कर माता जानकी का पता लगाते हैं ।अशोक वृक्ष के नीचे अपने आराध्य प्रभु श्री राम के ध्यान में मगन माता जानकी को अपने आने का कारण बताते हैं।तथा माता जानकी को प्रभु राम जी द्वारा दी गई उस अंगूठी को दिखाते हैं।जिसे माता जानकी ने रावण हरण के समय गिरा दिया था तथा प्रभु राम जी को मिली थी ।लंका पति रावण को राम भक्त हनुमान की जैसे ही खबर मिली वह अपने सैनिकों को आदेश दिया की हनुमान को बंदी बना लिया जाए। सैनिकों ने पवन पुत्र हनुमान को बंदी बना लिया रावण के आदेश पर सेनापतियों ने शंकर सुमन हनुमान को मार डालने के स्थान पर पूछ को आग लगाकर अपमानित करने की योजना पूर्ण कर पूछ में आग लगा दी। हनुमान इस अपमान पर क्रोधित हो उठे तथा अपनी आग लगी पूछ से सोने की लंका को आग लगाकर तहस-नहस कर देते हैं।लंका में चारों ओर हाहाकार मचाकर पवन पुत्र हनुमान वापस श्री रामचंद्र जी के पास आ जाते हैं ।तथा उन्हें संपूर्ण हाल-चाल बताते हैं।सोने की लंका में आग से मचे हाहाकार से इस लीला को देख रहे हजारों श्रद्धालु पवनसुत हनुमान वह श्री रामचंद्र जी के उद्घोष से पुलकित हो उठते हैं संपूर्ण लीला क्षेत्र राममय में हो उठता है।इस अवसर पर

नवीन कुमार प्रधान

राजीव बंसल पूर्व अध्यक्ष खुर्जा वह जनरल मैनेजर

नंदकिशोर शर्मा मंत्री

सचिन बंसल कोषाध्यक्ष

प्रमोद कुमार वर्मा मैनेजर

,उमाशंकर अग्रवाल, आशीष गोविंल ,अशोक पालीवाल ,अरुण कुमार ,अशोक कुमार अग्रवाल, योगेश मित्तल ,राजेश शर्मा ,रवि अग्रवाल ,महेश भार्गव, महेश चंद्र बंसल संजय भगत जी, संचित गोविल ,विशाल वाधवा ,महेश पोद्दार, डॉ अनिल गुप्ता, विनीत आर्य ,वासुदेव शर्मा ,बृजेश कुमार प्रजापति ,राजीव वर्मा, देवेंद्र आर्य ,सतीश चंद्र शर्मा ,राजीव वासने पवन कुमार, कपिल अग्रवाल, विकास वर्मा, मीडिया इंचार्ज चंद्र प्रकाश तायल, मीडिया संयोजक डीसी गुप्ता, ललित गुप्ता इत्यादि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे उस्ताद चिरंजी लाल अखाड़े के सभी उस्ताद वह कलाकारों का सराहनीय योगदान रहा..

चंद्रप्रकाश तायल मीडिया इंचार्ज