प्रतापगढ़
SI भर्ती परीक्षा 2020-21 में फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह में प्रतापगढ़ का अतुल यादव भी शामिल है। लखनऊ के हुसैनगंज थाने में एसआई भर्ती परीक्षा 2020-21 में फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरोह के 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के साथ ही अन्य की तलाश तेज कर दी गयी है। यह कार्रवाई यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की शिकायत पर की गई है।
पुलिस के मुताबिक यह फर्जीवाड़ा गोरखपुर के न्यू सर्वोदय ऑनलाइन सेंटर में किया गया है। रिक्रूटमेंट बोर्ड के एसपी हफीजुर्रहमान ने एफआईआर में लिखा है कि 15 लाख रुपए देकर अनुचित साधनों का फायदा उठाया। जांच में पता चला कि उसने अलग-अलग विषयों की परीक्षा में महज 27 मिनट 10 सेकेंड में 160 में से 158 सवालों के सही जवाब दिए थे, जो बिना नकल के संभव नहीं था।
खुलासा होने के बाद ही हुसैनगंज कोतवाली में अभ्यर्थी समेत 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। गुरुवार 15 दिसंबर 2022 की देर रात तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
डीसीपी मध्य अपर्णा रजत कौशिक के मुताबिक आरोपी रितेश कुमार, बलिया निवासी अजय चौहान और वीके सिंह को गिरफ्तार किया गया है। अजय आशियाना में रह रहा था। अजय को 15 लाख रुपये देकर रितेश ने परीक्षा पास की। गिरोह से हाईस्कूल-इंटर की मार्कशीट व 104 परीक्षार्थियों के प्रमाण पत्र, कई फर्जी चरित्र प्रमाण पत्र, 104 कोरे चेक आदि बरामद किए गए हैं।
इस मामले में अभ्यर्थी जौनपुर के रितेश कुमार और गिरोह के प्रतापगढ़ निवासी अतुल यादव, किला चौराहा आशियाना लखनऊ के अजय चौहान, सुल्तानपुर के वीके सिंह उर्फ ​​बृजीत सिंह, बलिया के शशि, हरियाणा के बृजपाल यादव, गोरखपुर के अनुभव सिंह शामिल हैं। गोरखपुर के न्यू सर्वोदय ऑनलाइन सेंटर के निदेशक आनंद कुमार सिंह, सूरज कुमार मिश्रा, आनंद मिश्रा और आईटी सुपरवाइजर जगदीश्वर पांडेय को आरोपी बनाया गया है।
पुलिस के मुताबिक इस फर्जीवाड़े में अब तक 120 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। लखनऊ पुलिस लाइन में मई में हुई अभिलेखों की जांच के दौरान भी बड़ी संख्या में हेराफेरी कर उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को चिन्हित किया गया था। सीधी भर्ती ऑनलाइन परीक्षा 12 नवंबर 2021 से आयोजित की गई थी।

हमारे संवाददाता रमेश श्रीवास्तव