मानसिक बीमारियों से निजात के लिए भरपूर नींद जरूरी: डॉ. अंशु एस सोम

-धूम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए, शुद्ध भोजन और साफ-सफाई पर भी दें विशेष ध्यान, लक्षण मिलने पर कराएं जांच

 

 

अलीगढ़, 04 फरवरी 2022।

 

विश्व कैंसर दिवस पर जनपद में शनिवार को मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित सिंह ने का संदेश दिया। मलखान सिंह जिला चिकित्सालय में मानसिक रोग विभाग के ओपीडी में आए मरीजों व उनके परिजनों को डॉ. अमित ने मानसिक रोग के बारे में विस्तार से सलाह दी उन्होंने बताया कि ध्यान और पूरी नींद के जरिए आप मानसिक रोग पनपने से काफी हद रोक सकते हैं। इस दौरान साइकोथैरेपिस्ट डॉ. अंशु एस सोम ने मानसिक बीमारियों के लक्षण पर विस्तार से मरीजों व उनके परिजनों की जिज्ञासा शांत की।

 

मानसिक रोगी विभाग की साइकोथैरेपिस्ट डॉक्टर अंशु एस सोम ने कहा कि भागदौड़ भरी जिंदगी मेंमानसिक बीमारियों में इजाफा हुआ है। बड़ी संख्या में लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। डॉ अंशु सोम ने मानसिक बीमारियों के लक्षण बताते हुए कहा कि नींद का न आना, उलझन होना, मिर्गी के दौरे पड़ना, सिर में दर्द रहना, चक्कर आना, आत्महत्या का मन में बार बार विचार आना, अपने आप से बात करना, डर लगना, पढ़ाई में मन न लगना आदि मानसिक बीमारियों के लक्षण हैं। इस प्रकार के लक्षण मिलने पर मलखान सिंह जिला चिकित्सालय अस्पताल में जांच कराएं। समय रहते उपचार से मानसिक बीमारियों से निजात संभव है। उन्होंने कहा मानसिक रोगी 7 से 8 घंटा तक भरपूर नींद लें। प्रतिदिन व्यायाम करें।

 

मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण से लोगों की आर्थिक व्यवस्था पर काफी असर पड़ा है और कोविड महामारी में स्वास्थ्य के प्रति लोगों का स्वास्थ्य भी काफी खराब हुआ है । कोरोना की चपेट में आने वाले लोगों के दिमाग पर काफी असर देखने को मिला है, ऐसे में कोरोना महामारी में सभी उम्र के लोगों का मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा दिया है ।

 

डॉ अमित सिंह ने कहा तनाव, अवसाद व अन्य करणों से मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ी है। इसे देखते हुए मनोरोग का समय से बेहतर उपचार की व्यवस्था मलखानसिंह जिला चिकित्सालय में ओपीडी के मध्य यह सेवा सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कहा तनाव अवसाद एवं मानसिक रोगों से पीड़ित व्यक्ति समन कक्ष में बेझिझक आये और समस्या बताकर अपना निशुल्क उपचार कराएं।

 

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मानसिक रोग के लक्षण:

स्वयं में उदासी महसूस करना व आत्महत्या के विचारों का आना। शराब या नशीली दवाओं का सेवन। अत्यधिक क्रोध या हिंसक व्यवहार होना।