अलीगढ़, 19 जुलाई 2021 ।

 

वर्ष 2025 तक देश को क्षय रोग के उन्मूलन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में समुदाय की भागीदारी को और बढ़ाते हुए नई व्यवस्था की गई है कि नया टीबी रोगी खोजने वालों को ₹1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि उनके खाते में दी जाएगी।

जिसके तहत टीबी मरीज की सूचना देने पर ₹500 रुपये शुरू में और जब उस टीबी मरीज का सफलतापूर्वक इलाज खत्म हो जाएगा तो इलाज सफल होने के उपरांत ₹500 और मिलेंगे, इस तरह एक मरीज की सूचना देने मात्र से ₹ 1000 रुपये की धनराशि मिलेगी,

अलीगढ़ में टीबी रोगी की खोज में उपचार करने के लिए 25 जुलाई तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत टीबी रोगियों की खोज करने पर आशा के माध्यम से प्रोत्साहन के रूप मेें ₹1000 प्रदान किए जा रहे हैं ।

 

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ अनुपम भास्कर ने बताया कि 12 जुलाई से टीबी मरीजों को खोजने के लिए विशेष अभियान की शुरुआत की जा चुकी है । यह अभियान एक जुलाई से 31जुलाई तक के विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं 12 जुलाई से 25 जुलाई तक दस्तक अभियान के दौरान क्षय रोगियों को खोजा जा रहा है। इसके दौरान आशा व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां घर-घर जाकर निम्न लक्षण के बारे में स्क्रीनिंग करेंगी: –

-दो सप्ताह या उससे अधिक की खांसी आना,

-शाम के समय बुखार की समस्या अथवा पसीने आना, भूख न लगना, तेजी से वजन का कम होना ।

-पूर्व में ली गयी क्षय निरोधी दवाईयां अथवा किसी टीबी मरीज के कांटेक्ट में रहना प्रमुख हैं ।

 

जिला कार्यक्रम समन्वयक सत्येंद्र कुमार ने कहा कि ऐसे संभावित रोगियों की टीबी जांच कराई जाएगी। जांच के बाद टीबी रोग की पुष्टि होने पर नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था भी की गई है, पोषण योजना के तहत मरीजों को पोषण युक्त खानपान के लिए प्रतिमाह पांच सौ रुपए डीबीटी के माध्यम सीधे मरीज के बैंक खाते में दिए जा रहे हैं, इसके अलावा अब तक बीते 5 दिनों में 12 जुलाई से 16 जुलाई तक 49 नए मरीज दस्तक अभियान के दौरान तलाशे गए हैं जिनको उपचार पर रख लिया गया है,

 

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इन लक्षणों के दिखने पर कराएं जांच:

 

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं। ऐसे में अगर खांसी का मरीज आता है तो उसके सभी लक्षणों की गहनता से पड़ताल होनी चाहिए और संभावित टीबी मरीज दिखे तो टीबी जांच अवश्य कराई जानी चाहिए।

 

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इन परिस्थितियों में भी टीबी जांच है जरूरी:

 

डॉ. अनुपम भास्कर के मुताबिक यदि कोई कोविड मरीज ठीक हो जाता है और उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है, फिर भी खांसी नहीं रुक रही है तो उसकी टीबी जांच अवश्य कराई जानी चाहिए। कोविड के लक्षण वाले व्यक्ति की जांच कराने पर अगर रिपोर्ट निगेटिव है तब भी टीबी जांच अवश्य करवा लें।

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ये करना होगा मरीज को:

– टीबी रोगी जांच केंद्र से निक्षय पहचान संख्या प्राप्त करें।

– रोगी का आधार कार्ड संख्या।

– बैंक का नाम, खाता संख्या और आइएफएससी कोड।

 

प्रधानमंत्री 2025 तक देश को टीबी मुक्त करना चाहते हैं। टीबी रोगी को इलाज के दौरान अच्छी खुराक की जरूरत होती है। टीबी रोगी बीच में इलाज छोड़ देते हैं। योजना शुरू होने से जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ मिलेगा।

 

-डॉ. अनुपम भास्कर, जिला क्षय रोग अधिकारी