छठ महापर्व के साक्षी बन रहे मनरेगा के तहत बने अमृत सरोवर
छठ पूजा के लिए तालाबों का किया गया सौंदर्यीकरण
लोक आस्था के महापर्व छठ को प्रदेश भर में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है।। उपासकों द्वारा डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपने व्रत का पारण किया जाता है। इस दौरान सभी व्रती भगवान सूर्य की आराधना करते हैं। प्रदेश भर में जहां-जहां पर इस पर्व को मनाया जाता है, वहां मनरेगा योजना के अंतर्गत विकसित किये गये तालाब/अमृत सरोवर का सौंदर्यीकरण किया गया है। छठ पूजा से पहले ही इसकी स्थानीय स्तर पर तैयारी कर तालाबों का सौदर्यीकरण किया गया। तालाबों का रंग-रोगन एवं लाइटिंग कर सौंदर्यीकरण का एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया गया है। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा के तहत बनाए गए अमृत सरोवरों पर छठ की छटा दिखाई भी दे रही है। बड़ी संख्या में अमृत सरोवरों पर छठ पूजा का आयोजन किया जा रहा है। विकसित अमृत सरोवरों पर साफ-सफाई,पक्की सीढ़ियों के निर्माण और स्वच्छ पानी होने से छठ पूजा करने में लोगों को मदद मिल रही है।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दिशा-निर्देशन में छठ महापर्व शुरू होने से पूर्व ही सभी घाटों, नदियों, तालाबों और अमृत सरोवरों पर साफ-सफाई कर स्वच्छ जल उपलब्ध कराया गया है। ग्राम पंचायत स्तर पर विकसित किए गए अमृत सरोवरों पर बड़ी संख्या में लोग छठ पूजा को मना रहे है। छठ महापर्व पर अमृत सरोवरों पर महिलाओं द्वारा विधिपूर्वक घाट बांधकर पूजा की जा रही है। अमृत सरोवरों पर छठ पूजा करने की सारी व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ साफ-सफाई एवं लाइटिंग की व्यवस्था भी कराई गई। घाटों की सुंदरता बढ़ाने के लिए रंगीन लाइटों का भी प्रयोग किया गया।
गांवों में गूंज रहे छठ मइया के गीत
बिहार के साथ साथ उत्तर प्रदेश में भी छठ का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। खासकर पूर्वांचल में बड़ी संख्या में विकसित अमृत सरोवरों पर छठ महापर्व की पूजा और छठी मइया के गीतों से माहौल भक्तिमय हो रहा है। वाराणसी, गाजीपुर, मऊ, बलिया, सोनभद्र, देवरिया, आजमगढ़, गोरखपुर, कुशीनगर के साथ-साथ कई जनपदों में अमृत सरोवरों पर आस्था का जन सैलाब उमड़ रहा है।
अमृत सरोवरों पर मनाई जा रही छठ पूजा को लेकर आयुक्त, ग्राम्य विकास श्री जी0एस0 प्रियदर्शी द्वारा बताया गया कि ग्रामीण इलाकों में विकसित अमृत सरोवरों पर बड़ी संख्या में छठ पूजा का सफल आयोजन बड़ी उपलब्धि है तथा इससे स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा भी मिल रहा है। तथा लोग जल संरक्षण से जुड़ी विभागीय योजना का लाभ भी उठा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई ग्राम पंचायतों द्वारा छठ पूजा को लेकर तालाबों का किया गया सौंदर्यीकरण का एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया गया है।
ब्यूरो रिपोर्ट। किशन जैन