रमेश श्रीवास्तव।

उप श्रम आयुक्त प्रयागराज राकेश द्विवेदी को लेकर एक शिकायत के परिप्रेक्ष्य में शाशन द्वारा गठित जाँच कमेटी के अपर श्रम आयुक्त कानपुर सुरेंद्र सिंह IAS ने प्रयागराज आ करके शिकायत कर्ता महेंद्र यादव से लगभग 4 घंटे तक लम्बी पूछताछ की। सुरेंद्र सिंह ने श्रम आयुक्त कार्यालय के अधिकारिओं से भी पूछताछ की। गौरतलब हो कि प्रयागराज के पूर्व उप श्रम आयुक्त राकेश द्विवेदी के ऊपर कई सामाजसेवीयों, एवं श्रमिक संगठन ने भी आरोप लगाया था कि राकेश द्विवेदी ने ऐसे लोगो का शादी अनुदान पास कर दिया था जिनके बेटी ही नहीं थी। आरोप है कि बिना सुविधाशुल्क लिए DLC कोई भी अनुदान नहीं दिया करते थे। सुविधाशुल्क प्राप्त होने पर ही आवेदन पास होता था नहीं तो कोई न कोई बहाना बनाकर श्रमिक को अपात्र कर देते थे। प्रयागराज के क्षेत्रीय विधायक कोरांव राजमणि कोल से सैकड़ो की संख्या में श्रमिकों ने शिकायत की थी जिसे विधायक ने गंभीरता से लेते हुए अपने एक पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी प्रयागराज को इस मामले को संज्ञान में लेने की बात कही और दोषी अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही। सूत्रों के अनुसार पूर्व DLC पर यह भी आरोप था की उन्होंने कार्यालय में लगे वेशकीमती सागोन के पेड़ों को कटवाकर बेच लिया था जिसकी शिकायत भी लंबित थी। इन सारी बातों को शासन ने गंभीरता से लेते हुए सुरेंद्र सिंह को जाँच अधिकारी बनाकर प्रयागराज भेजा। हिन्द मजदूर सभा (शीबू ) के प्रतिनिधि महेंद्र यादव और प्रमोद शुक्ला ने भी DLC के खिलाफ शिकायत की थी। इसी परिप्रेक्ष्य में तीन सदस्यीय टीम ने महेंद्र यादव से चार घंटे तक लम्बी पूछताछ की। पूंछताछ के बाद जाँच अधिकारी ने 15 दिन के अंदर कार्रवाई किये जाने का आश्वासन भी देते हुए कहा कि जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। उक्त जाँच को ले करके श्रम विभाग के कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है। जब मीडिया के लोगो ने जाँच अधिकारी की बाइट लेनी चाही तो सुरेंद्र सिंह ने बाइट देने से मना कर दिया। अब देखना यह है की मीडिया से दूरी बना कर जाँच अधिकारी कितनी सत्यता से कार्रवाई करेंगे या उक्त जाँच के विषय को ठंडे बस्ते में डाल देंगे। महेंद्र यादव ने जाँच अधिकारी को सभी साक्ष्य उपलब्ध करा दिया है।गौरतलब हो कि इस सम्बन्ध में शिकायतकर्ता महेंद्र यादव ने कहा कि यदि सही से जाँच नहीं हुई या दोषी लोगो पर कार्रवाई नहीं की गई तो वह आत्मदाह कर लेंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी श्रम विभाग के भ्रस्ट अधिकारी ही होंगे।