प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के साथ बढ़ते ट्रेड वॉर के बीच एक सख्त बयान देते हुए कहा है कि भारत किसानों, मछुआरों और डेयरी उद्योग के हितों पर किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा। उन्होंने यह बात MS स्वामीनाथन सदी समारोह के अवसर पर कही।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले उत्पादों पर टैरिफ को 25% से बढ़ाकर 50% कर दिया है। यह कदम भारत द्वारा रूस से तेल खरीद जारी रखने के कारण उठाया गया है।

मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा:

“किसान हो, मछुआरे हों या डेयरी उद्योग, इनके हित सर्वोपरि हैं। अगर मुझे इसकी कीमत चुकानी भी पड़ी, तो भी मैं तैयार हूं।”

भारत सरकार ने अमेरिकी टैरिफ को “अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण” करार दिया है और कहा है कि देश अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।

ट्रेड एनालिस्ट्स का मानना है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता अब पूरी तरह से ठप हो गई है। पहले माना जा रहा था कि टैक्स 15% तक सीमित रहेगा, लेकिन अब स्थिति और गंभीर हो चुकी है।

भारत अब BRICS जैसे मंचों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटा रहा है। ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ सामूहिक विरोध की बात कही है।

मोदी ने अपने भाषण में Make in India और Atmanirbhar Bharat की भावना को दोहराते हुए कहा कि भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में और तेज़ी से आगे बढ़ेगा।

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