खुर्जा नगर के सुप्रसिद्ध श्री नवदुर्गा शक्ति मंदिर पर आश्विन मास नवरात्रि महोत्सव बड़े धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है जो कि 23 अक्टूबर नवमी तक चलेगा। विश्व में यह एक ऐसा अनोखा मंदिर है जिसमें एक ही स्वरुप में माता रानी के नौ रूपों के साक्षात दर्शन होते हैं। हवन पूजन समिति के अध्यक्ष डीसी गुप्ता (कांटे वाले) ने बताया कि सच्चे दिल से मांगी गई हर मुराद को माता रानी पूर्ण करती हैं। बहुत से श्रद्धालु गांठ बांध कर जाते हैं। जिसे मुराद पूरी होने पर खोलते हैं। श्री नवदुर्गे समिति (रजिस्टर्ड) के प्रधान श्री संजय वर्मा ने बताया कि प्रतिदिन माता रानी को नई पोशाक धारण कराई जाती है। आज आश्विन शुक्ल चतुर्थी को माता रानी के कुष्मांडा स्वरूप को बैंगनी रंग की पोशाक धारण कराई गई और मालपुआ का भोग अर्पित किया गया और फलों में नाशपाती का फल अर्पित किया गया। प्रतिदिन माता जी को छप्पन भोग तथा विभिन्न प्रकार फल मिठाई आदि भी अर्पित किए जाते हैं।
मीडिया प्रभारी विकास वर्मा जी ने बताया कि आज के कन्या पूजन के यजमान डीसी गुप्ता कांटे वाले तथा उनकी धर्मपत्नी सरिता गुप्ता रहीं। मुख्य पुजारी पंडित नंद किशोर जी ने पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करवाई तथा हवन भी करवाया। इस अवसर पर 4 वर्ष की कन्या का श्रृंगार, पूजा व भोग सरिता गुप्ता व डीसी गुप्ता ने किया। दोपहर में महिला संकीर्तन व शाम को अन्य संकीर्तन मंडली व झांकियां श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर देती हैं। मंदिर की 108 परिक्रमा का विशेष महत्व है। जिसे श्रद्धालु नंगे पैर लगते हैं। जो गोवर्धन महाराज की एक परिक्रमा के बराबर है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु माता रानी के दर्शन कर पुण्य लाभ कमाते हैं।
मंदिर की व्यवस्थाओं में प्रधान संजय वर्मा, आजीवन सचिव रोहित अग्रवाल, उप प्रधान देवेश कौशिक, सुशील गोयन्का, सह सचिव लितेश्वर शर्मा, निमिष कुमार गर्ग, सजल वर्मा, कोषाध्यक्ष अजय कुमार गर्ग एडवोकेट, प्रमोद वर्मा, अनिल कुमार (महाराजा), सतीश चंद्र शर्मा, प्रेम प्रकाश अरोड़ा, अजीत मित्तल, त्रिलोकी भार्गव, संजय गौड़, राजकुमार गिरी, धर्मेंद्र सिंह, डॉ नरेश चंद्र शर्मा, मीडिया प्रभारी विकास वर्मा, अनिल कुमार अग्रवाल, रवि शंकर अग्रवाल, डॉ शलभ शर्मा, त्रिलोचन गौड़, विनोद कुमार अग्रवाल (मंदिर प्रबंधक), विनोद कुमार गर्ग, रविंद्र कुमार गुप्ता, सत्य प्रकाश दादू, राजकुमार पोद्दार, अनिल अग्रवाल, राजीव बंसल आदि सदस्य रहे।
