*पूर्व में कैसे मनायी जाती थी गणेश चौथ / चट्टा चौथ*
हमारे भारत देश में गणेश चतुर्थी / चट्टा चौथ 4 दशक पूर्व बहुत धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मिलजुलकर मनाया जाता था। ओर आज भी मनाया जाता है और आज दिन शनिवार को पूरा देश मना रहा है। अब से काफी सालों पहले सरकारी स्कूल यानी प्राईमरी पाठशाला के अध्यापक खुद अपने शिष्यो के घर घर जाकर गणेश चतुर्थी का महोत्सव मनाते थे ओर टोलीयाँ बनाकर चट्टटो के साथ खेलते थे ओर उसके बाद बच्चों के माता -पिता गुरुजनो का सम्मान करते हुए दाल , चावल , गुड़ , घी दक्षिणा इत्यादि खाद्य सामग्री दान करते थे। इस काम में सभी लोग भरपूर सहयोग करते थे ओर खुशी मनाते थे लेकिन आजकल बिल्कुल उल्टा होता नजर आ रहा है ना तो गुरुजनो का मान सम्मान रहा ओर ना कोई इज्जत यह सब कलयुग महाराज का प्रकोप व लक्ष्मी ( अधिक धन ) जी की करामात है। पहले जैसै ना तो गुरु रहे ओर ना ही शिष्य। लेकिन इसी चट्टा चौथ के बारे में हमारे जिले के संवाददाता ने उ0प्र0 के जिला बुंलदशहर के तहसील सिकन्दराबाद में एक बुजुर्ग सेवानिवृत्ति मास्टर मनीराम जी से विस्तृत जानकारी जुटाई तब इन पुज्य श्रीमान् गुरूजी जी ने विस्तार से गाकर गणेश चतुर्थी के बारे मे जानकारी दी आप भी इस वीडियो के माध्यम से सूने ओर सहसास करे ओर अपने जीवन में ढाले।
रिपोर्ट पेश है ।