खुर्जा, बुलंदशहर: भारत विकास परिषद खुर्जा द्वारा कालिंदी कुंज चौक पर स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा स्थापना एवं अनावरण कार्यक्रम 24 मार्च को सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, समाजसेवियों और स्थानीय नागरिकों की उपस्थिति रही।
प्रतिमा अनावरण समारोह में प्रमुख अतिथि
इस ऐतिहासिक अवसर पर श्रीमती ज्योत्सना यादव (PCS, सेक्रेटरी, BKDA), कर्मजीत कौर (सीनियर फाइनेंस एंड अकाउंट ऑफिसर), आनंद मिश्रा (सीनियर इंजीनियर) और निरंजन ने स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान वंदे मातरम का गायन हुआ और भारत विकास स्कूल के बच्चों ने घोष व NCC कैडेट्स ने सलामी दी।
स्वागत और मुख्य वक्तव्य
इसके बाद भारत विकास कन्या उच्चतर विद्यालय में दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। अध्यक्ष प्रेम प्रकाश अरोरा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम का संचालन किया। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक श्री नेमपाल ने स्वामी विवेकानंद जी के जीवन और विचारधारा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि,
“स्वामी विवेकानंद जी ने शिकागो धर्म संसद में भारत की महान संस्कृति का परिचय कराया। उन्होंने दुनिया को सिखाया कि भारत ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के सिद्धांत पर चलता है।”
उन्होंने विवेकानंद जी के विचारों को आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक बताया और उनके चरित्र से सीख लेने की बात कही।
समाजसेवियों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
इस भव्य आयोजन में वरिष्ठ समाजसेवी बाबूलाल आर्य, विकास गोयल, राहुल राठी, सुनील गुप्ता, गोपाल सर्राफ, निखिल पोद्दार, जगदीश गुंबर, पुनीत अग्रवाल, कृष्ण अवतार बंसल, पवन गोयल, राकेश आर्य, संजय गुप्ता, लोकेश जिंदल, कुलदीप मित्तल, राजीव वर्मा, विनीत आर्य, मुकुट लाल गुप्ता, अजय गर्ग एडवोकेट, डॉ. अनिल गुप्ता, महेश कुमार पोद्दार, सौरभ पांडे, महेश चौधरी और मुकेश रोहिल्ला जैसे गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
युवा शक्ति और समाज के प्रति योगदान
प्रांतीय अध्यक्ष नरेंद्र शर्मा ने स्वामी विवेकानंद जी के विचारों को आज के युवाओं के लिए प्रेरणादायक बताया। कार्यक्रम के अंत में सचिव पीयूष तायल ने सभी का धन्यवाद किया और समाज में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया। इस दौरान पत्रकारों को ‘शौर्य पुरस्कार’ देकर सम्मानित किया गया।
यह कार्यक्रम राष्ट्रवाद, युवा शक्ति और समाजसेवा का प्रतीक बना, जिससे शहर के युवाओं को स्वामी विवेकानंद जी के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा मिली।