अलीगढ़, 18 मई 2021 ‌।

 

कोविड-19 के दौर में भी स्वास्थ्य विभाग को गर्भवती महिलाओं की सेहत का पूरा ख्याल है । गर्भवती व गर्भस्थ शिशु पर कोई आंच न आए इसके लिए समय-समय पर आशा कार्यकर्ता के माध्यम से स्वास्थ्य केंद्र पर बुलाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है । प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान केंद्र सरकार की पहल है इसमें हर महीने की नौ तारीख को गर्भवती की जांच पूर्ण की जाती है ‌। इसके जरिए पता लगाया जाता है । कि कहीं कोई गर्भवती उच्च जोखिम वाली महिला कहीं गर्भावस्था में तो नहीं है ।

 

परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ एस.पी सिंह ने बताया कि कोविड-19 के दौरान गर्भवती महिला को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए । ऐसे में अपने खान-पान को लेकर अपनी दिनचर्या में भी बदलाव लाना होगा । वह बाहर से आने वाले लोगों से नहीं मिले तो ज्यादा ठीक रहेगा, अगर मजबूरी है तो मास्क और सामाजिक दूरी का पालन करें । इस समय जितना अपने मन को खुश रखें यह उसके और गर्भस्थ शिशु के लिए बेहतर होगा ।

 

कोरोना संक्रमित होने पर क्या करें:

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एस.पी सिंह ने बताया अब ऐसे में कोई गर्भवती महिला अगर कोरोनावायरस से संक्रमित हो जाती है । तो वह डॉक्टर के मुताबिक कोरोना संक्रमित होने पर समान नियमों का पालन करना होगा । महिलाएं सबसे पहले खुद को आइसोलेट कर ले और किसी भी व्यक्ति से ना मिले, अगर घर में छोटे बच्चे हैं तो उनसे भी दूरी बनाकर रखें और उन्हें भी कमरे के अंदर ना आने दे । डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही दवा लें काढ़ा और स्टीम भी लेते रहें । इस दौरान अगर महिला को किसी भी प्रकार की समस्या हो जाती है किसी भी तरह का तनाव ना ले और माहौल को खुशनुमा रखें ।

 

मोहनलाल गौतम राजकीय महिला चिकित्सालय की मुख्य चिकित्सा अधीक्षका डॉ रेनू शर्मा ने बताया अगर किसी महिला को पहले से हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है तो ऐसे में उसे अपना गर्भावस्था के दौरान सचेत रहने की बहुत जरूरत है । उन्होंने कहा कि कई बार गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को हाइपरटेंशन की वजह से झटके आने लगते हैं । इसे प्री एक्लेंमिशया कहते हैं । ऐसे में जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो सकती है । वहीं कई बार डिलीवरी के बाद भी महिलाओं को झटके आने लगते हैं एकलेमशिया का पूरी तरह से इलाज किया जाना चाहिए ।

 

सीएमएस ने बताया कि अगर भूख नहीं लगती है तो कैल्शियम की कमी होने के कारण आयरन की टेबलेट ले सकते हैं,‌ बुखार होने पर घबराएं नहीं, कोरोना के लक्षण है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें । उन्होंनेे कहा गर्भवती महिला को घबराने की कोई जरूरत नहीं है जिला महिला चिकित्सालय में ही प्रसव पूर्व जांच अथवा इलाज कराएं जिससे कि जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित रहे ।

 

क्या है उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था:

उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था वह अवस्था हैजिसमें मा या उसके भूण के स्वास्थ्य या जीवन को खतरा होता है, किसी भी गर्भावस्था में जहां जटिलताओं को संभावना अधिक होती है, उस गर्भावस्था को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी या उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था में रखा जाता है इस तरह की गर्भावस्था को प्रशिक्षित चिकित्सक की विशिष्ट देखभाल की आवश्यकता होती है ।

 

भूख नहीं लगती है तो क्या करें:

जिला महिला चिकित्सालय की मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर यासमीन ने बताया कि घर में अगर सदस्य कोरोना पॉजिटिव है, तो उसे गर्भवती महिला के संपर्क में ना आने दें ।

 

खान-पान के रूटिंग का पालन करना जरूरी:

डॉक्टर यासमीन ने कहा प्रेगनेंसी के दौरान खानपान की रूटीन का पालन करना जरूरी है ‌। डाइट में विटामिन को जरूर शामिल करें जिससे कि डाइट लेने में किसी प्रकार की समस्या ना हो ऐसे में तेल, घी और मसालेदार खाने से परहेज करें ।

 

प्रेगनेंसी में कैसे रखें ख्याल:

= खान पान के रुटीन का पालन जरुरी

= डाइट में विटामिन को जरुर शामिल करें

= तेल, घी मसालेदार खानें से परहेज़ करें

= बुखार होने पर घबराएं, नहीं इम्युनिटी का विशेष खास ख्याल

= कोरोना के लक्षण है तो तुरन्त डॉक्टर से संपर्क करें

= पैरासीटामोल, विटामिन सी, फोलिक एसिड, जिंकोविट और भी काम्प्लेक्स दवा जरुर रखें

= प्रेगनेंसी के दौरान नानवेज खा सकती हैं

= हर दिन हल्का व्यायाम जरूर करें

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