गरीब जनता का शोषण कर रहे राशन डीलर
बुलंदशहर/खुर्जा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बेशक अधिकारियों पर सख्ती की बात करते हो लेकिन अधिकारी बे लगाम है यही कारण है की आम जनता के कल्याण की योजनाओं पर यह अधिकारी कुठार घात करते हैं हद तो तब हो जाती है जब महामारी यानी लॉकडाउन के वक्त प्रधानमंत्री द्वारा फ्री राशन आम गरीब जनता तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाती है जोकि अभी भी चल रही है। जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को 5 किलो राशन देने की व्यवस्था केंद्र सरकार द्वारा की गई थी यह योजना सोने पर सुहागा जब हो जाती है जब राशन डीलर प्रत्येक व्यक्ति 5 किलो राशन देने की जगह 4 किलो राशन प्रत्येक व्यक्ति दिया जा रहा है और अगर गलती से कार्ड धारी 1 दिन लेट हो जाए तो उसका राशन खत्म कर दिया जाता है इसमें नीचे से लेकर ऊपर तक कर्मचारी व अधिकारी भी संलिप्त है हालत यह है कि गरीब के पेट में जाने वाला राशन उसके पेट में न जाकर कालाबाजारी के लिए चला जाता है गरीबों की इस राशन की बंदरबांट में सिर्फ राशन डीलर ही नहीं बल्कि एफसीआई कर्मचारी भी सलिप्त है यानी चंद रुपयों की खातिर यह सरकारी कर्मचारी सरकार के साथ तो धोखा धड़ी कर ही रहे हैं साथ ही गरीबों के मुंह का निवाला भी छीन रहे हैं भ्रष्टाचार के इस खेल में राशन डीलरों के अलावा आपूर्ति विभाग के अधिकारियों का भी पेट भरता नजर आ रहा है तभी इतने बड़े पैमाने पर गरीबों के मुंह से निवाला छीनने का धंधा फल फूल रहा है और अधिकारी चुप्पी साधे हैं। जब इस संबंध में आपूर्ति विभाग के सप्लाई स्पेक्टर आशीष श्रीवास्तव को फोन किया जाता है, तो फोन रिसीव करने से भी घबराते हैं, रिपोर्ट,, किशन जैन

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