खुर्जा विकास प्राधिकरण में भले ही अवैध निर्माण पर अंकुश लगाने के लिए खूब कोशिश हो रही हो लेकिन इसका जमीं पर असर नहीं दिख रहा है। इसका सीधा साधा उधारण ये है की प्राधिकरण के नाम पर अवैध वसूली करने के लिए हर इलाके में लोग छोड़े हुए है , जो अपने अपने क्षेत्र में अवैध निर्माण को देखते है और उनसे खासा पैसा उतार कर अपनी और खुर्जा विकास प्राधिकरण के जेई की जेब भरते है सूत्रों को माने तो अगर प्राधिकरण के सक्षम अधिकारी से अगर अवैध निर्माण की जानकारी ली जाती है नोटिस हवाला देकर उसको टाल दिया जाता है , और साथ ही नोटिस देने के बाद भी अवैध निर्माण कार्य पूर्ण किया जाता है उनसे कहा जाता है की जिस दिन विभाग की छुट्टी हो उस दिन अपना निर्माण का कार्य कर लेना , सूबे के मुखिया मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ जहां एक तरफ माफियाओं और अवैध निर्माण कार्य करने वालो पर उनकी अवैध संपत्ति को ध्वस्त करने की कार्यवाही कर रहे है वही मुख्य मंत्री के आदेशों को अपनी जेब भरने के लिए और शासन को राजस्व की हानि पहुंचाने का कार्य भी खुर्जा विकास प्राधिकरण के सक्षम अधिकारी पलीता लगाने का कार्य पूर्ण रूप से कर रहे है । खास बात ये है की इनके द्वारा प्राइवेट लोगो को फील्ड में भेज कर शहर में हो रहे निर्माण कार्य को देखा जाता है , जिसके बाद ये प्राइवेट लोग निर्माण कार्य करने वाले पर अपना प्राधिकरण का रॉब जमाने लगते है जिसके जिम्मेदार उस इलाके के जेई भी समल्लित होते है , सरकार को पूर्ण रूप से राजस्व हानि पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहा है खुर्जा विकास प्राधिकरण । प्रमुख मार्गों के साथ ही अंदर की गली मोहल्लों में भी बिना नक्शे खूब निर्माण हो रहे हैं । सूत्रों की माने तो खुर्जा नगर के अनेकों मार्गो पर अवैध निर्माण कार्य किया जा रहा है और पूर्व में अवैध निर्माण कार्य किया जा चुका है जिसका नक्शा प्राधिकरण द्वारा खबर लिखने तक नही दिया गया है , खुर्जा नगर के गांधी रोड, डोरी मोहल्ला , बजाजा बाजार , नवदुर्गा मंदिर रोड , तहसील रोड , जेवर रोड , न्यू और पुराना जीटी रोड , ढाकर रोड सहित अनेकों स्थानों पर खुर्जा विकास प्राधिकरण की मिली भगत से अवैध निर्माण कार्य पूर्ण रूप से किए जा रहे है जिससे की उत्तर प्रदेश सरकार को राजस्व की हानि पहुंच रही है ।