जिला महिला चिकित्सालय में भी हो सकेंगें बच्चों के ऑपरेशन

अलीगढ़, 17 दिसम्बर 2021।

जन्मजात टेढ़े-मेढ़े पैर वाले बच्चों का अब जेएन मेडिकल कॉलेज के अलावा अब मोहनलाल गौतम राजकीय महिला चिकित्सालय में भी इलाज मिल रहा है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत यहां के डॉक्टरों की टीम मुफ्त इलाज कर जिले के महिला चिकित्सालय में अब तक 55 बच्चों का उपचार किया गया है । जिनमें से 5-6 बच्चे ठीक हो चुके हैं ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आनंद उपाध्याय ने बताया कि कुछ बच्चों के पैरों के पंजे पैदाइशी टेढ़े होते हैं। उम्र बढ़ने के साथ उनकी बीमारी बढ़ती जाती है। ‘क्लब फुट नामक यह रोग यदि बढ़ जाए तो बच्चा ठीक से चल नहीं पाता। ऐसे बच्चों को इलाज के लिए जेएन मेडिकल कॉलेज में यह सुविधा उपलब्ध है । अब जनपद के जिला चिकित्सालय में भी ऐसे गंभीर स्थिति वाले बच्चों का भी इलाज किया गया।

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. बीके राजपूत का कहना है कि जन्मजात टेढ़े पैरों वाले बच्चों का इलाज जन्म के बाद जितनी जल्दी हो सके शुरू कर देना चाहिए। तीन सप्ताह के भीतर यदि इलाज शुरू हो जाए तो अच्छा रहता है। इसे ‘गोल्डन पीरियड कहते हैं। क्योंकि मां के गर्भ से हॉर्मोन बच्चे के रक्त में जाता है और तीन सप्ताह तक रहता है।

डीईआईसी मैनेजर मुनाजिर हुसैन ने कहा- कि जन्म के शुरुआती दस दिनों में प्लास्टर नहीं लगाया जाता। क्योंकि तब नवजात शिशु की त्वचा प्लास्टर सहन करने के लिए अपरिपक्व होती है। छह से आठ बार प्लास्टर लगाने के बाद टेढ़े पंजे ठीक हो जाते हैं। प्रत्येक प्लास्टर दो से तीन सप्ताह तक रहना चाहिए। यदि प्लास्टर लगाने के बाद टेढ़े पंजे सामान्य हो जाते हैं तो जब चलने की उम्र आती है तब विशेष प्रकार के जूते पहना दिए जाते हैं। यह जूते चार से पांच साल तक पहनने चाहिए।

मुनाजिर हुसैन ने बताया कि जनपद अलीगढ़ में कासगंज, एटा व हाथरस जनपद के लोगों को इलाज के लिए जो रेफर किया जाता है । यह सुविधा आसानी से अलीगढ़ जिले के जेएन मेडिकल कॉलेज व जिला चिकित्सालय में मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि जो भी सरकारी अस्पताल में जो सहूलियतें हैं, ऐसे गंभीर स्थिति वाले बच्चों को उपलब्ध कराने का पूरा प्रयास किया जाएगा।

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अब हर दिन मिलेगी यह सुविधा:

जेएन मेडिकल कॉलेज के अलावा जिला चिकित्सालय में भी अब प्रतिदिन बच्चों को इलाज दिया जाएगा। इससे संबंधित सलाह या जानकारी के लिए जिला चिकित्सालय की ओपीडी में यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

जिला चिकित्सालय के लैब टेक्निशियन दुर्गेश कुमार ने बताया कि अब तक महिला चिकित्सालय में 55 बच्चों को सुविधा उपलब्ध कराई गई और जिन बच्चों का उपचार किया गया था । इसमें से 5-6 बच्चे अब तक ठीक हो चुके हैं। 3 बच्चे ऐसे भी थे जिनको टेढ़े-मेढ़े की समस्या थी इलाज के दौरान वह अब ठीक से चल पा रहे हैं ।

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ऐसे मिलेगी सुविधा:

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और केंद्र सरकार ने देश के कम आय और निर्धन आमजन के जन्म से 18 वर्ष तक के जेएन मेडिकल कॉलेज में बीमार और कुपोषित बच्चों के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हृदय रोग, कटे होंठ-तालू, टीबी, कुष्ठ रोग, जन्मजात बहरापन, मोतियाबिंद, टेढ़े-मेढ़े पैर, न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, विकास में रुकावट इत्यादि 47 प्रकार की बीमारियों से ग्रसित बच्चों की जांच एवं इलाज की फ्री व्यवस्था की है।