उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 2021 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद आरक्षण के नए फार्मूले ने प्रदेश की 16 जिला पंचायतों में अध्यक्ष की कुर्सी का गणित बदल दिया। अब प्रधानी के दावेदारों को नई आरक्षण लिस्ट जारी होने का बेसब्री से इंतजार है लेकिन इसके साथ 2015 के आरक्षण को आधार मानकर जिन्हें अपने लिए सम्भावनाएं दिख रही हैं उन्होंने उम्मीदवारी की तैयारी के साथ समीकरणों को साधना शुरू कर दिया है।
आरक्षण फार्मूले में बदलाव के चलते एक महीने में ही यूपी की 16 जिला पंचायत अध्यक्षों का आरक्षण बदल गया है। हालांकि इसमें अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को बरकरार रखा गया है लेकिन महिला व अनारक्षित वर्ग वाली सीटें बदल गई हैं। हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक यूपी सरकार ने 2015 को आधार मानते हुए नए सिरे से चक्रानुसार आरक्षण प्रक्रिया बुधवार को तय कर दी थी। इसके साथ ही प्रदेश के सभी जिलों पंचायत, ग्राम प्रधानों और ग्राम पंचायत सदस्यों के लिए भी आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया तय कर दी गई है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश पंचायतीराज विभाग ने आरक्षण प्रक्रिया का कार्यक्रम जारी किया है। प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को 26 मार्च तक त्रिस्तीय पंचायत चुनाव के आरक्षण की फाइनल सूची जारी करने का निर्देश दिया गया है।
बताया जा रहा है कि नए आरक्षण फार्मूले से प्रदेश की तमाम सीटों पर जारी आरक्षण अब पूरी तरह से बदल जाएगा। पदों का आरक्षण और आवंटन साल 2015 के रोटेशन से होगा। ऐसे में 2015 में जो सीट जिस जाति के लिए आरक्षित हुई थी, इस बार के चुनाव में वह सीट उस जाति के लिए आरक्षित नहीं की जाएगी।
नए आरक्षण फार्मूले से प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए आवंटित की गई सीटें बदल गई हैं। मैनपुरी, फिरोजाबाद, कन्नौज, कासगंज, मऊ, अमेठी, हमीरपुर और सोनभद्र जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटें पहले सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित थीं। अब इन्हें सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित कर दिया गया है। इसी तरह आगरा, अलीगढ़, शाहजहांपुर, बलरामपुर, सुल्तानपुर, बुलंदशहर और मुरादाबाद की जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटें पहले महिला के लिए आरक्षित की गई थीं लेकिन अब ये सभी सीटें अनारक्षित (सामान्य) हो गई हैं। प्रदेश की अन्य जिला पंचायतों में पूर्व घोषित आरक्षण बरकरार रखा गया है।
जिला पंचायत अध्यक्ष की छह सीटें अनुसूचित जाति (महिला) के लिए आरक्षित हुई हैं। इनमें बागपत, शामली, सीतापुर, कौशांबी, लखनऊ और हरदोई की सीटें शामिल हैं जबकि 10 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हुई हैं। इनमें औरैया, कानपुर नगर, चित्रकूट, महोबा, झांसी, जालौन, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, मिर्जापुर और रायबरेली हैं। सात जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटें ओबीसी (महिला) के लिए आरक्षित की गई हैं। इनमें संभल, बदायूं, एटा, कुशीनगर, बरेली, हापुड़ और वाराणसी सीट है। 12 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। इनमें बहराइच, प्रतापगढ़, जौनपुर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, आगरा, सुल्तानपुर, बुलंदशहर, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, बलरामपुर और अलीगढ़ शामिल हैं। वहीं, 27 सीटें सामान्य हो गई हैं। इनमें प्रयागराज, उन्नाव, गोंडा, बिजनौर, मेरठ, रामपुर, फतेहपुर, मथुरा, अयोध्या, देवरिया, महाराजगंज, गोरखपुर, अमेठी, श्रावस्ती, कानपुर देहात, अमरोहा, हाथरस, भदोही, गाजियाबाद, कन्नौज, मऊ, कासगंज, मैनपुरी, फिरोजाबाद, सोनभद्र, गौतमबुद्धनगर और हमीरपुर हैं।