भारतीय किसान यूनियन चढूनी ने नेपा पेपर मील भूमि अधिग्रहण प्रकरण को लेकर तहसील ठाकुर द्वारा के गांव बथुआ खेड़ा में की पंचायत में, लिया निर्णय
भारतीय किसान यूनियन चढूनी के प्रदेश प्रभारी सूबे सिंह डागर व प्रदेश अध्यक्ष सोनपाल चौहान के नेतृत्व में जनपद मुरादाबाद की तहसील ठाकुरद्वारा के गांव बथुआखेड़ा में एक कमेटी धरना स्थल पर पहुंची। नेपा पेपर मिल भूमि अधिकरण प्रकरण को लेकर किसानों की लड़ाई को नेपा फैक्ट्री में 10 जनवरी 2024 से भारतीय किसान यूनियन चढूनी के बैनर तले चल रहा है। भारतीय किसान यूनियन चढूनी के पदाधिकारीयो ने बुधवार को किसानों के साथ पंचायत की ओर विस्तार पूर्वक वार्ता की संचालन नईम चौधरी ने किया सूबे सिंह डागर की अध्यक्षता में पंचायत की पीड़ित किसानों को न्याय दिलाने के लिए सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष करने का ऐलान किया प्रदेश प्रभारी सूबे सिंह डागर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा की किसानो को उनकी जमीन वापस की जायेगी , ठाकुरद्वारा तहसील के किसानों पर अत्याचार कर रही है सरकार, जल्द से जल्द किसानो की मांगो को पुरा करे। रिज़वान चौधरी ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा की केन्द्र सरकार अमरोहा तहसील ठाकुरद्वारा के किसानों की भूमि को जबरन कब्जाना चाहती है। जो भूमि सरकार ने अधिग्रहण के नाम पर कब्जा रखी है उस भूमि को तत्काल किसानो को वापस करने का काम करे , ये सरकार आसानी से मानने वाली नही है। अब किसानो को टैक्टर के साथ साथ ट्यूटर भी चलाना पड़ेगा। सोशल मीडिया जैसे हथियारों से ही सरकार की घेराबंदी की जा सकती है। इसी लिए ट्रैक्टर के साथ किसान ट्यूटर भी चलाए। ये सरकार किसान विरोधी है। संसद में बेटे लोगो की नीति सही नहीं है।कान खोलकर सुन ले केन्द्र सरकार और राज्य सरकार किसानो का शौषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार ने न सुनी तो होगी आर पार की लड़ाई। लेकिन सरकार किसानो के लिए कोई ठोस पुख्ता कदम नहीं उठा रही है।एनसीआर अध्यक्ष कुलदीप गुड्डू ने किसानों में अपने जोशीले अंदाज से जोश भर दिया और कहा किसानो का शौषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा आपकी जमीन आपकों दिलाने का काम करेंगे।
जनपद की तहसील सदर व ठाकुरद्वारा तहसील के गांव बथुआखेड़ा, मानपुर दाताराम, बुढहानपुर,अलीगंज, गझेड़ा सेंध, के हजारों किसानों की 804 एकड़ भूमि तत्कालीन केंद्र सरकार ने 1989 में अधिग्रहण की थी भूमि लेते समय किसानों से वादा किया था कि 4 साल के भीतर भूमि पर पेपर मील लगाया जाएगा और प्रत्येक किसान परिवार के एक सदस्य को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी दी जाएगी लेकिन 1996 तक इस भूमि पर कोई भी प्लांट नहीं लगाया गया सरकार ने किसानों को मुआवजे के नाम पर सिर्फ दो करोड़ 75 लख रुपए दिए जबकि सरकार ने किसानों की अधिग्रहण की गई भूमि को 1996 में सेंचुरी टेक्सटाइल कंपनी को 23 करोड रुपए में अधिकृत शर्तो के साथ बेच दिया सेंचुरी टेक्सटाइल कंपनी ने भी किसानों को धोखा दिया 5000 किसान 1989 से न्यायालय के चक्कर काट रहे हैं यह वाद उच्च न्यायालय में विचाराधीन है और बिरला ग्रुप के अधिकारी शांति पूर्ण धरने को बिगाड़ने के लिए तरह तरह से किसानों पर दबाव बना रहे है जिसके लिए जिलाधिकारी को नामित ज्ञापन तहसीलदार महोदय को सोपा गया है और प्रदेश प्रभारी सूबे सिंह द्वारा साफ बताया गया कि बिरला ग्रुप प्राइवेट कंपनी है सरकार दूसरा पक्ष ना बने इस मामले से दूर रहे और यदि किसानों को छेड़ा गया तो उत्तर प्रदेश,हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, और हिमाचल प्रदेश तक से आंदोलन शुरू कर दिया जायेगा और सरकार इस समय इस स्थिति में कतई नहीं है कि और कोई नया आंदोलन झेल सके सभी वक्ताओं ने वारी वारी से अपने विचार रखे इस दौरान साथ में मौजूद रहे पश्चिमी प्रदेश अध्यक्ष सोनपाल चौहान, एनसीआर अध्यक्ष कुलदीप गुडडू, जिलाध्यक्ष नरेश चौधरी, मण्डल अध्यक्ष युवा सुनील चौधरी,युवा जिला महामंत्री रिजवान चौधरी, जिला प्रमुख महासचिव विष्णु चौधरी, धीरेंद्र सिंह , बिक्की मदनपुर,चाहत अली, वेधवीर चौधरी, नईम चौधरी,युवा प्रदेश अध्यक्ष विकास चौधरी जिलाध्यक्ष बिजनौर विकास उर्फ नूरी मुरादाबाद मंडल प्रभारी मास्टर जी व साथी के अतिरिक्त,अन्य सैकड़ो कार्यकर्ता जिला प्रभारी सतपाल यादव प्रमोद यादव के नेतृत्व में हजारों ग्रामीण शामिल हुए