सामुदायिक स्वास्थ्य केंद पर सामाजिक दूरी का नही हो रहा है पालन-

घण्टो प्रतीक्षा के बाद भी नही लग पा रही है वैक्सीन-

 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के मकसद से सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर एडवाइज़री जारी की है.और साथ में सभी भारतवासियो को वैक्सीन लगवाने के लिए टेलीविजन, रेडियो व पेपरों में विज्ञापन के माध्यम से लोगो को वैक्सीन लगवाने पर जोर दे रही है । भारत में नौनिहालों को 1 जून से सरकार ने18+से 44 उम्र के लोगो को आरोग्य सेतु ऐप्प व ऑनलाइन कॉइन के माध्यम से ऑनलाइन करने के लिए प्रेरित कर रही है जिसके कारण जागरूक जनता कोरोना महामारी से बचने के लिए वैक्सीन लगवा रही और लेकिन कुछ जगहों पर कर्मचारियो की मनमानी कहे या फिर कुछ और उसका registation सफलतापूर्वक किया गया है लेकिन कूरेभार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी पुराना registation का हवाला दे रहे थे और पुनः नया रजिस्ट्रेशन करने की बात कर रहे है ।आइए हम आप को सुल्तानपुर जनपद के अंतर्गत कूरेभार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद पर जहाँ कोरोना वैक्सीन कार्ड सेंटर बना हुआ है वहा पर एक महिला कर्मचारी ने वैक्सीन कार्ड वितरित करने और ऑनलाइन चेकिंग का काम कर रही थी।उस महिला के कर्मचारी के पास जो भी वैक्सीन कार्ड बनवाने जाता तो महिला कर्मचारी ने लोगो के regiistation को एक्सपायर्ड बताते हुए पुनः registation की बात किया।जबकि रेजिस्टर मोबाइल नंबर कॉइन पर डालने पर वैक्सीन लगवाने वाले का नाम आ रहा है।लेकिन उनको कई नियमो की बातें बताकर लौटा दिया जाता है अगर किसी महिला के पास एंड्राइड फ़ोन न हो और वह कही से registation पहले से कराया हो और उसे यह कहकर लौट दिया जाय कि पुनः registation कराकर लाये तो वह महिला या पुरुष आखिर कैसे करेगा ऐसे में गरीब जनता आखिर करे तो क्या और लोगो के वीच गलत अफवह फैला दिया जाता है लोग वैक्सीन ही नही लगवा रहे है।जबकि जमीनी हकीकत कुछ और बया कर रही थी 8.6.2021 बुधवार को लगभग 9.00 बजे सुल्तानपुर जनपद से जी बी न्यूज ब्यूरो रवींद्र पाण्डेय ने

कूरेभार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वैक्सीन सेंटर पर पहुचा तो कार्ड सेंटर पर लोगो की भीड़भाड़ देखकर अचम्भा रह गया वहां वैक्सीन लगवाने वाले लोग यह भूल गये थे कि जिसके लिए हम लोग वैक्सीन लगवाने आये है उसी का पालन करना भूल गये है बिना सामाजिक दूरी का पालन को ताख पर रखकर एक जगह बिना सामाजिक दूरी के खड़े हुए दिखे।जबकि

सोशल डिस्टेंसिंग का मतलब होता है एक-दूसरे से दूर रहना ताकि संक्रमण के ख़तरे को कम किया जा सके. भारत में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं.

भारत सरकार अब देशभर में धीरे-धीरे लॉकडाउन भी खोल रही है. घनी आबादी और कोरोना वायरस के तेज़ी से फैलते संक्रमण को देखते हुए भारत में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और भी ज़्यादा अहम हो जाता है.

 

इंट्रो-

सोशल डिस्टेंसिंग आखिर है क्या/

 

जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं. इन कणों में कोरोना वायरस के विषाणु होते हैं.जो दूसरों ब्यक्ति जो इनके समीप/नजदीक आने पर गिरने से दूसरा ब्यक्ति संक्रमित हो जाता है ।

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